Friday, April 26, 2024

‘Atrangi re’ Film Review : धनुष ने बिखेरी चमक लेकिन फ़िल्म की रंगत फीकी

बचपन में हुए हादसे कई बार जीवन में गहरे निशान छोड़ जाते हैं| इन जख्मों की वजह से व्यक्तित्व व मनोजगत की संरचना में इतना फर्क आ जाता है कि मनोविज्ञान उन्हें मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरा मानने लगता है| लेकिन फिल्मों में खासतौर से व्यवसायिक हिंदी फिल्मों में मनोविज्ञान के इन गूढ़ रहस्यों का इस्तेमाल बेहद चलताऊ ढंग से कहानी को अलग रंगत देने के लिए किया जाता है| प्रेम त्रिकोण के शाश्वत फ़िल्मी फार्मूले में मनोवैज्ञानिक समस्या का यह कोण जोड़ कर लेखक हिमांशु शर्मा और निर्देशक आनन्द एल राय ने अपनी नवीनतम फ़िल्म ‘Atrangi Re’ बनाई है| आइए जानते हैं कि उनका यह प्रयोग कितना सफल रहा| 


‘Atrangi Re’ Film Story in Hindi

रिंकू सूर्यवंशी (सारा अली खान) माता-पिता को खोने के बाद से बिहार के सिवान जिले में अपने ननिहाल में रह रही है| ननिहाल वालों के लिए रिंकू एक मुसीबत का नाम है| वह सात साल में इक्कीस बार घर से भागने की असफल कोशिश कर चुकी है| लौटने पर घरवाले विशेषरूप से नानी (सीमा बिस्वास) हर बार जूते-चप्पलों से उसकी खूब धुलाई करती हैं और इसके बदले में रिंकू पलट कर “हम इश्क में जलते हुए अंगारे हैं, छुओगे तो भस्म हो जाओगे….” जैसे फ़िल्मी डायलाग बोल कर नानी के गुस्से वाली आग में घी डालने का काम करती है|  

इससे पहले की रिंकू की करतूतों से ठाकुर परिवार की ठुकराई पर धब्बा लगे, नानी तीनों मामा को फ़ैसला सुना देती हैं कि दो पैरों पर चलने वाले किसी भी प्राणी मतलब कि लड़के को पकड़ कर लाओ और रातों-रात रिंकू की शादी कर दो| बस इतना ध्यान रखना था कि लड़का बिहार का न हो| अब हमें तो नानी की इस शर्त की कोई खास वजह समझ नहीं आई लेकिन शायद इसलिए कि वह रिंकू को अपने घर-परिवार से दूर रखना चाहती हों या फिर शायद बाहर का लड़का रिंकू के बार-बार घर से भागने की आदत से अनजान हो| खैर, संयोग से उसी दिन तमिलभाषी विशु (धनुष) अपने दोस्त के साथ सिवान पहुंचा ही था कि रिंकू के घर वाले उसे जबरदस्ती पकड़ कर रिंकू के साथ उसका पकड़वा ब्याह करवा देते हैं| 

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तमिलनाडु का रहने वाला विशु दिल्ली में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा था और हॉस्टल में रहता है| दो दिन बाद उसकी सगाई होने वाली थी| रिंकू और विशु दिल्ली आ जाते हैं| रास्ते में रिंकू यह जानकार खुश हो जाती है कि विशु को भी यह शादी पसंद नहीं है| रिंकू तो पहले से ही इस जबरन शादी को शादी मानने से इंकार कर चुकी थी| रिंकू विशु को बताती है कि उसके मन में सज्जाद अली खान (अक्षय कुमार) कई सालों से बसा हुआ है और वह हर बार उसी के साथ भागने की कोशिश भी करती रही है| सज्जाद सर्कस में काम करता है और अभी साउथ अफ्रीका गया हुआ है| एक हफ्ते में जब वह आ जायेगा तो रिंकू अपने रास्ते और विशु अपने रास्ते| कुल मिलाकर रिंकू को अभी कुछ दिन विशु के साथ ही रहना था| विशु उसे अपने साथ सगाई में शामिल होने के लिए चेन्नई ले कर जाता है| वह अपनी होने वाली पत्नी मंदाकिनी और घरवालों को कुछ बता पता इससे पहले ही विशु और रिंकू की शादी का वीडियो मंदाकिनी के हाथ लग गया|

सगाई के समारोह में खूब तमाशा हुआ और अंततः शादी टूट गई| विशु परेशान था लेकिन इस वजह से नहीं कि शादी टूट गई बल्कि इस वजह कि शादी टूटने का उसे कोई भी दुःख नहीं था| वह तमिल में रिंकू से कहता है कि उसकी ज़िन्दगी में रिंकू के आने के बाद से सब कुछ बदल गया है और अब कुछ भी पहले जैसा नहीं रह गया है क्योंकि उसे रिंकू से प्यार हो गया है| विशु जब यह बात रिंकू से कह रहा था तभी रिंकू उसे सज्जाद के आने की खबर देती है| विशु अपने प्यार को पीछे रखकर अपने दोस्त से रिंकू के सज्जाद के साथ जाने की व्यवस्था करने को कहता है| यहाँ तक की कहानी पढ़ने के बाद हो सकता है आपको संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ याद आ रही हो| लेकिन ठीक इसी पड़ाव पर ‘अतरंगी रे’ के लेखक हिमांशु शर्मा कहानी में एक ज़ोरदार ट्विस्ट ले कर आते हैं, जिसके बाद फ़िल्म की कहानी का एक सिरा रिंकू के बचपन में घटी त्रासदी से जुड़ जाता है और फ़िल्म अलग ही रास्ते पर चल पड़ती है| वह ट्विस्ट क्या है और रिंकू का बचपन कैसे उसके वर्तमान में हस्तक्षेप कर रहा है, यह जानने के लिए आप फ़िल्म ‘Atrangi Re’ देखिए| 

Atrangi Re 2021 Film Akshay Kumar Dhanush and Sara Ali Khan
Credits: Disney+Hotstar

‘Atrangi Re’ Film Review in Hindi

फ़िल्म देखने के बाद कुछ याद रह जाता है तो वह है, धनुष का अभिनय| धनुष को इस फ़िल्म में देखना ही अपने आप में एक सुकून है| वह बिन बोले ही भीतर के प्रेम की गहराई दर्शा देते हैं| जिस दृश्य में वह रिंकू से अपने प्रेम का इज़हार करते हैं, वह देखने लायक है| सारा अली खान के लिए आनंद एल राय ने कहा था कि उनके दिमाग में रिंकू के लिए सारा ही थी| फ़िल्म देख कर तो यही लगाता है कि उनकी जगह कोई भी हो सकता था| जहाँ तक बात अक्षय कुमार को सारा के साथ कास्ट करने की थी, जिसे लेकर सोशल मीडिया में काफी बवाल मचा हुआ था, कहानी में उसके लिए तर्क है और फिल्म देखते हुए वह इतना अखरता भी नहीं है|   

धनुष के अलावा फ़िल्म की दूसरी यादगार चीज़ अर्जित सिंह और सशा तिरुपति का गया गाना ‘रेत ज़रा सी…’ है| ए.आर. रहमान का संगीतबद्ध किया यह गाना/धुन फ़िल्म में कई जगह बजता है और हर बार सुनने में अच्छा लगता है|   

संवाद लेखक से थोड़ी शिकायत है| एक दृश्य में बिहार के व्यक्ति से यह संवाद कहलवाना “इतने बड़े भारत में तुम्हें नीचे वाले (दक्षिण) ही मिले…” हास्य पैदा करने की बजाय चुभता है| दक्षिण भारत और उत्तर भारत को नीचे वाले और ऊपर वाले की बजाय किसी दूसरे ज्यादा संवेदनशील तरीके से कहा जा सकता था|  

कहानी के स्तर पर यह बात खटकती है कि किसी मनोविज्ञान सम्बन्धी समस्या से पीड़ित व्यक्ति के साथ बच्चों जैसा खेल खेला जा रहा हो| बार-बार लगता है कि इस चरित्र को गंभीर मनोचिकित्सा की ज़रूरत है लेकिन लेखक-निर्देशक फिल्मों के परम्परागत तरीकों अर्थात हर समस्या को प्रेम और हीरो के दोस्तों की मदद से सुलझाने में ज्यादा भरोसा दिखाया है| इन घिसीपिटी फ़िल्मी युक्तियों के सहारे एक अच्छी फ़िल्म बनाने का सपना पूरा नहीं किया जा सकता है| यह बात फ़िल्म ‘Atrangi Re’ पर भी लागू होती है|  

और पढ़ें – फ़िल्म ‘Atrangi Re’ से हमें यह अतरंगी शिक्षा मिलती है?


आनन्द एल राय द्वारा निर्देशित ‘Atrangi Re’ आप डिज़्नी प्लस हॉट स्टार पर देख सकते हैं|

Suman Lata
Suman Lata
Suman Lata completed her L.L.B. from Allahabad University. She developed an interest in art and literature and got involved in various artistic activities. Suman believes in the idea that art is meant for society. She is actively writing articles and literary pieces for different platforms. She has been working as a freelance translator for the last 6 years. She was previously associated with theatre arts.

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