Friday, April 26, 2024

‘The Bombardment’ Summary & Ending Explained In Hindi

युद्धों में मानवीय त्रासदियों को जन्म देने वाली घटनाएँ हमेशा दुश्मनों की कार्यवाहियों के परिणामस्वरूप नहीं होतीं| कई बार मित्र भी इन्हें अंजाम दे बैठते हैं| द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हुआ ‘ऑपरेशन कार्थेज’ इसकी एक मिसाल है| हाल ही में नेटफिल्क्स पर स्ट्रीम हुई निर्देशक ऑल बोर्नेडल (Ole Bornedal) की फ़िल्म “The Bombardment” ऑपरेशन कार्थेज के दौरान घटी दिल दहला देने वाली एक युद्ध त्रासदी पर आधारित है|


‘ऑपरेशन कार्थेज’

द्वितीय विश्व युद्ध के समय जर्मनी ने डेनमार्क पर कब्ज़ा कर लिया था| अपने देश की आज़ादी के लिए डेनिश लोग एक प्रतिरोध आन्दोलन चला रहे थे| आन्दोलनकारी काफी समय से मित्र देश ब्रिटेन से शेलहाउस पर आक्रमण करने का अनुरोध कर रहे थे| शेलहाउस डेनमार्क के कोपेनहेगन शहर के बीचोंबीच स्थित एक इमारत थी| जिसका उपयोग गेस्टापो (हिटलर की ख़ुफ़िया पुलिस) मुख्यालय के तौर किया जा रहा था|

डेनिश प्रतिरोध आंदोलनकारियों को उम्मीद थी कि ब्रिटिश वायु सेना के हमले के परिणामस्वरूप शेलहाउस में बन्दी बना कर रखे गए लोग मुक्त हो जाएंगे और गेस्टापो के दस्तावेज़ भी तहस-नहस हो जायेंगे| पहले तो R.A.F.(Royal Air Force) इस मांग को पूरा करने से हिचकता रहा क्योंकि शेलहाउस घनी आबादी के बीच स्थित था| बार-बार आग्रह किए जाने पर ब्रिटेन अंततः कार्यवाही के लिए राज़ी हो गया| 21 मार्च 1945 को कोपेनहेगन में R.A.F. द्वारा हवाई हमला किया गया| इस विवादित हमले में गलती से शेलहाउस की जगह उससे डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित एक फ्रेंच स्कूल को निशाना बना लिया गया| जिसमें 86 बच्चों के साथ ही वहां पढ़ाने वाली कई ननों की मौत हो गई|

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‘The Bombardment’ Plot Summary In Hindi

फ़रवरी 1945, डेनमार्क में ज्यलैंड (Jylland) नाम के एक शांत से इलाके की खिली हुई सुबह| एक लड़का, जिसका नाम हेनरी था, इत्मीनान से साइकिल चलाता हुआ चला जा रहा था| ठीक उसी समय एक वृद्ध पिता अपनी तीन बेटियों के साथ किसी शादी में शामिल होने के लिए कार से जा रहे थे| तभी हेनरी को खुले नीले आसमान में एक हवाई विमान उड़ता हुआ दिखा| थोड़ा आगे जाने पर उसे हवाई हमले की शिकार हुई वह कार नज़र आई| कार के पास जाकर कुछ भी दिखा, उसने हेनरी के दिलोदिमाग को झकझोर कर रख दिया| इस हादसे के बाद उसकी आवाज़ चली गई और उसके भीतर खुले आसमान का खौफ समा गया| महानगर कोपेनहेगन में ग्रामीण ज्यलैंड की तुलना में खुला आसमान काफी कम देखने को मिलेगा| हेनरी को आसमान का सामना कम करना पड़ेगा| इस सोचकर हेनरी की मां उसे कुछ दिनों के लिए अपनी बहन के पास कोपेनहेगन छोड़ आती है|

कोपेनहेगन में हेनरी अपनी कज़िन रिमोर और उसकी दोस्त ईवा के साथ फ्रेंच स्कूल जाना शुरू कर देता है| रिग्मोर हेनरी को ईवा से जुड़ी एक घटना बताती है| दरअसल ईवा ने कुछ दिनों पहले डेनिश प्रतिरोध से जुड़े एक व्यक्ति की सड़क पर सरेआम गोली मार कर हत्या होते देखा था| हेनरी का हौसला बढ़ाने के लिए रिग्मोर कहती है कि इस घटना के बाद भी ईवा बोल सकती है तो हेनरी भी बोल सकता है|

कोपेनहेगन के फ्रेंच स्कूल की नन टेरेसा डेनमार्क की आज़ादी और युद्धों में मर रहे लोगों के प्रति सहानुभूति रखती है| इतने बड़े पैमाने पर हो रहे नरसंहार ने उसके भीतर ईश्वर के अस्तित्व को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए थे| अपने जवाब हासिल करने के लिए टेरेसा जानबूझ कर धर्म विरुद्ध और ननों के लिए वर्जित समझे जाने वाले काम करती| उसे लगता कि अगर ईश्वर होगा तो वह उसे पाप का दंड देने ज़रूर आएगा|

वह दुर्भाग्यपूर्ण दिन

उस दिन ईवा का नाश्ता करने का मन नहीं हो रहा था| पिता उसे फटकारते हुए पिकी मैड्स का उदाहरण देते हैं, खाना नहीं खाने की वजह से जिसकी मौत हो गई थी| ईवा बिना नाश्ता किए स्कूल चली गई| स्कूल में उस दिन बच्चों के नाटक की रिहर्सल चल रही थी| रिहर्सल के दौरान ईवा को खाली पेट की वजह से दिक्कत महसूस हो रही थी| नन के कहने पर कुछ खाने के लिए वह रिहर्सल वाली जगह से बाहर चली आई| हेनरी भी उसके साथ बाहर चला आया था|

R.A.F. ने शेलहाउस पर हमला करने के लिए इसी दिन को चुना| अभियान के दौरान एक लड़ाकू हवाई विमान का पंख क्षतिग्रस्त हो गया| सँभालते हुए भी वह फ्रेंच स्कूल की छत से टकरा गया और आगे जाकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया| अभियान दल के अन्य विमान चालकों ने गलती से स्कूल को टारगेट समझ कर इमारत पर भारी बमबारी शुरू कर दिया|


‘The Bombardment’ Ending Explained In Hindi

बमबारी के बाद स्कूल के मलबे से ईवा और हेनरी बाहर निकले| उनके चेहरे धूल से ढंके हुए ऐसे लग रहे थे जैसे मौत से ज़र्द हों|

मलबे में बुरी तरह से फंसी हुई टेरेसा होश आने पर रिमोर और ग्रेटा को आवाज़ देती हैं| दोनों कुछ देर पहले तक उसके साथ थीं| केवल रिमोर पलट कर उत्तर देती है| उसकी बातों से टेरेसा को पता चलता है कि वह नीचे ऐसी जगह पर फंसी हुई है जहाँ लगातार पानी बढ़ता जा रहा है| टेरेसा उससे बातें करते हुए हिम्मत बंधाने की कोशिश करती है| रिमोर जब पूछती है कि क्या स्वर्ग में जीजस हमारा इंतजार कर रहे हैं? तो ईश्वर के न होने के नतीजे पर पहुँच चुकी टेरेसा, मौत के सामने खड़ी रिमोर से कहती है कि, “निश्चित ही स्वर्ग में जीजस मिलेंगे|” मृत्यु के अनुभव को आसान बनाने के लिए क्या ज्यादातर लोग यही नहीं करते? मदद पहुँचने तक रिमोर की आवाज़ आना बंद हो गई| पत्थरों के बीच फँसी टेरेसा को जब निकला गया तो वह रिमोर को बचाने के लिए नीचे पानी में कूद पड़ी| टेरेसा के कूदने से मलबे का एक पत्थर खिसका और एक झटके में सारा मलबा तेज़ी से नीचे की तरफ धमाके के साथ गिर पड़ा|

बाहर हेनरी घायल बच्चियों का हुलिया नोट करके, माता-पिता तक उनकी खबर पहुँचाने के काम में लगा हुआ था| घायलों से नाम आदि पूछने और अभिभावकों को बताने के परिस्थितिजन्य दबाव की वजह से हेनरी की आवाज़ वापस आ जाती है| एक त्रासदी में मौत से रूबरू होने के सदमे ने हेनरी को कुछ बता ने सकने की स्थिति में डाल दिया था| दूसरी त्रासदी में मौत के बीच ज़िन्दगी को बचाने की इच्छा और ज़रूरत ने उसकी आवाज़ वापस ला दी|

ईवा की मां को हेनरी से पता चलता है कि वह स्कूल में नहीं है, शायद घर चली गई| मां बदहवास सी भागती हुई घर जाती है| वहां उसे ईवा अपना नाश्ता करते हुए दिखती है| वह एक नज़र अपनी मां को देखती है और फिर खाने लगती है| यह आखिरी दृश्य बहुत मार्मिक और प्रभावी है| बच्चों को युद्ध या मानव त्रासदियों से गुजरते हुए देखना, तोड़ देने वाला अनुभव होता है| उनके पास इस मनोवैज्ञानिक पक्षागत की स्थिति से निपटने का कोई आधार नहीं होता| उनके पास इन प्रश्नों का कोई जवाब नहीं होता कि जो कुछ भी उन्हें होता हुआ दिखाई दे रहा है या महसूस हो रहा है उसकी वजहें क्या हैं? बालमन ईवा को इस परिणाम पर पहुँचाता है कि मौत से उसका सामना इसलिए हुआ क्योंकि वह सुबह का नाश्ता छोड़ कर चली गई थी| ईवा के मन में पिता की बात सही साबित होती हुई लगी| इसलिए वह सारे खतरे के बीच भी स्कूल से सीधे घर आकर नाश्ता खत्म करने में जुट जाती है| यह मौत और भयानक त्रासदी से निपटने के लिए खोजे गए उसके अपने उत्तर हैं|


द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कोपेनहेगन में घटी त्रासद घटना पर आधारित फ़िल्म “The Bombardment” को नेटफिल्क्स पर देखा जा सकता है|

Suman Lata
Suman Lata
Suman Lata completed her L.L.B. from Allahabad University. She developed an interest in art and literature and got involved in various artistic activities. Suman believes in the idea that art is meant for society. She is actively writing articles and literary pieces for different platforms. She has been working as a freelance translator for the last 6 years. She was previously associated with theatre arts.

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