Wednesday, May 8, 2024

Chhorii: Summary & Ending Explained

वर्ष 2016 में निर्देशक विशाल फुरिया ने मराठी में ‘लपाछपी’ (Lapachhapi) नाम से एक हॉरर फ़िल्म बनाई थी, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया था| अब विशाल फुरिया ने हिन्दी भाषी दर्शकों के लिए ‘लपाछपी’ फ़िल्म की रीमेक ‘Chhorii’ नाम से बनाई है| ‘Chhorii’  हॉरर फ़िल्म होने के साथ ही कन्याभ्रूण हत्या जैसे बेहद ज़रूरी विषय पर एक सामाजिक संदेश भी देती है| 

फ़िल्म ‘Chhorii’ की कहानी एक गर्भवती महिला के इर्द-गिर्द बुनी गई है| वह परिस्थितिवश एक वीरान गाँव के खंडहरनुमा घर में फँस जाती है| उस अभिशप्त घर में महिला के साथ अजीबोगरीब चीज़ें घटने लगती है | फलस्वरूप महिला समेत उसके अजन्मे बच्चे की जान खतरे में पड़ जाती है| कैसे वह अकेले उन रहस्यमय शक्तियों का मुकबला करती है, ‘छोरी’ फ़िल्म इसे ही दिखाती है| 


Plot of ‘Chhorii’

फिल्म की शुरुआत गन्ने के खेत में बदहवास सी भागती हुई एक गर्भवती महिला के साथ होती है| फिर कुछ बच्चों की हँसी सुनाई पड़ती है और वह बच्चे गर्भवती महिला को एक छुरी देते हैं, जिससे वह अपना पेट चीर लेती है| वह महिला कौन थी और उसने अपने गर्भ में पल रही बच्ची को खुद ही क्यों मार दिया? इन प्रश्नों का खुलासा कहानी आगे बढ़ने के साथ होता है| 

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‘Chhorii’ फिल्म की केन्द्रीय पात्र साक्षी (नुसरत भरुचा) के पति हेमंत (सौरभ गोयल) ने बिजनेस के लिए चंदेल नाम के किसी व्यक्ति से कुछ पैसे उधार लिए थे| जिन्हें वापस नहीं कर पाने के कारण चंदेल के आदमी हेमंत की जान के पीछे पड़े हैं| जान बचाने के लिए दोनों पति-पत्नी अपने ड्राईवर कजला के साथ शहर से 300 किमी दूर उसके गाँव चले जाते हैं| लेकिन वह कहते हैं न कि असमान से गिरा खजूर में अटका| मुसीबतें साक्षी और हेमंत का पीछा यहाँ भी नहीं छोड़ती हैं| 

गाँव में भूलभुलैया जैसे दूर-दूर तक फैले गन्ने के खेतों के बीच एक उजाड़ सा घर था, जिसमें कजला (राजेश जैस) की पत्नी भन्नो देवी(मीता वशिष्ठ) रहती हैं| भन्नो देवी लड़की-लड़के में भेद करने वाली, दकियानूसी ख्यालों वाली महिला है| साक्षी को उनकी भाव-भंगिमा में एक अजीब तरह की रहस्यात्मकता नज़र आती है| पैसों का इंतजाम करने के लिए हेमंत और कजला के शहर जाने के बाद से साक्षी के साथ उस घर में अजीबोगरीब चीज़ें घटने लगती हैं| उसे हँसते-खिलखिलाते हुए तीन छोटे बच्चे और लोरी गाती हुई लाल कपड़े पहने एक औरत अक्सर दिखाई देने लगती है| 


वह रहस्यमयी औरत और बच्चे कौन थे ?

हेमंत के वापस लौटने पर साक्षी उसे सब कुछ बताती है| जब वह दोनों गाँव से जाने की कोशिश करते हैं तो भन्नो देवी और कजला हमला कर उन्हें बेहोश कर देते हैं| बेहोशी की हालत में ही साक्षी को भन्नो देवी उन रहस्यमयी तीन बच्चों और औरत की कहानी का अपना संस्करण सुनाती हैं| 

बहुत साल पहले भन्नो देवी के देवर योगेश्वर की शादी सुनैनी नाम की एक लड़की से हुई थी| भन्नो देवी के अनुसार सुनैनी औरत नहीं, डायन थी| उसने उनके तीन छोटे लड़कों को अपने वश में कर लिया था| वह बच्चे दिन-रात बस अपनी छोटी माँ के आगे-पीछे नाचते रहते थे| यह बात भन्नो देवी को बिल्कुल भी पसंद नहीं थी| भन्नो देवी की शिकायत पर उनके देवर योगेश्वर ने सुनैनी को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन वह एक न मानी| दोनों के बीच खूब जमकर लड़ाई हुई और इसी बात पर सुनैनी ने अपने पति की छाती में छुरी भोंक कर उसे मार डाला | बाद में उसी चाकू से अपना पेट काट कर वह कुएं में कूद पड़ीं और उसके पीछे-पीछे भन्नो देवी के तीनों बच्चों ने भी कुएं में छलांग लगा दी| 

सुनैनी और बच्चों का प्रेत साया उस घर में मंडराने लगा  

कुछ सालों के बाद भन्नो देवी के चौथे और सबसे बड़े बेटे राजबीर की शादी रानी से हुई| जब रानी गर्भवती हुई तो उसे आठवें महीने में सुनैनी और वह तीन बच्चे दिखने लगे| सुनैनी ने रानी को अपना पेट चीरने पर मजबूर कर दिया| रानी वही औरत है, जिसे दर्शकों ने पहले सीन में अपना पेट चीरते हुए देखा था| तब से रानी सदमे के कारण आज तक एक शब्द भी नहीं बोल पाई है|

उसके बाद राजबीर की दो और शादियाँ हुई| उसकी दोनों पत्नियों के साथ गर्भावस्था के आठवें महीने में वही सब हुआ, जो रानी के साथ हुआ| औलाद की चाह में राजबीर ने चौथी शादी की लेकिन इस बार सुनैनी के बुरे साये से बचने के लिए राजबीर ने अपनी पत्नी को शहर में ही रखा है| 

घर पर लगा श्राप कैसे हटेगा? 

भन्नो देवी को तांत्रिक ने बताया था कि अगर कोई गर्भवती महिला अपने आठवें महीने में, डायन के साये में उनके घर में तीन दिन बिता ले तो घर पर लगा शाप हमेशा के लिए हट जायेगा और भन्नो देवी को उनके घर का वारिस मिल जाएगा| यही वजह है कि भन्नो देवी हर हालत में साक्षी को तीन दिन रोकने की कोशिश कर रहीं थीं|    


भन्नो देवी की कहानी का पूरा सच क्या है? 

भन्नो देवी ने तो अपने हिस्से की कहानी सुना दी, जिसकी खलनायिका सुनैनी है| लेकिन सुनैनी का पक्ष कैसे सामने आये? वह तो मर चुकी है| वह नहीं है तो क्या हुआ, उसकी कहानी तो आज भी उस घर में और वहाँ के खेतों में गूंजती रहती है| जिसे सुनने की क्षमता हर किसी में नहीं है| सुनैनी ने राजबीर की अन्य पत्नियों को अपनी आपबीती बतानी चाही परन्तु वह दोनों समझ नही सकीं | शुरूआती भय के बाद अंततः साक्षी उस परिवेश में बिखरे हुए संकेतों को समझने की कोशिश करती है| सुनैनी और बच्चों की भटकती हुई आत्माएं कुछ कहना चाह रहीं थीं| जब साक्षी सुनैनी के अप्रत्यक्ष और सूक्ष्म अस्तित्व के साथ एकाकार हो जाती है तो उसे सुनैनी की वास्तविकता किसी फिल्म की तरह अपनी आखों के सामने घटती हुई दिखने लगती है| उसे कई बार सुनैनी की साथ हुई वारदातें अपने ऊपर घटती हुई महसूस होती हैं| साक्षी को दिखता है कि सुनैनी को उसका पति गर्भ के आठवें महीने में लाठी से पीट रहा है| तीन बच्चे अपनी छोटी मां को बचाने के लिए एक छुरी उसके हाथ में पकड़ा देते हैं जो अंततः अनजाने में उसके पति की हत्या का कारण बन जाती है| 

सुनैनी के आठवें महीने में कजला और भन्नो देवी ने राजबीर के साथ मिलकर उसे जिंदा जला दिया था| जली हुई हालत में सुनैनी ने एक बच्ची को जन्म दिया| वह चीखती-चिल्लाती रही, कोई उसे बचाने नहीं आया| सिवाय उन तीन बच्चों के| साक्षी ने यह भी देखा कि कैसे अच्छी फसल की कामनापूर्ति के लिए राजबीर ने सुनैनी की नवजात बेटी को कुएं में फेंक दिया| बच्ची के पीछे सुनैनी भी कुँए में कूद पड़ती है| अपनी छोटी माँ और बहन को बचाने के लिए भन्नो देवी के तीनों छोटे लड़कों ने भी कुएं में छलांग लगा दी|


Ending of Chhorii

क्या साक्षी का अंजाम भी राजबीर की पत्नियों सरीखा हुआ? 

साक्षी के साथ भी वही सब दोहराया जाता है जो उससे पहले रघुवीर की अन्य पत्नियों के साथ हो चुका है| साक्षी सुनैनी को उसका सच सबके सामने लाने का यकीन दिलाती है| सुनैनी को उस पर भरोसा होता है| इस तरह साक्षी का बच्चा बच जाता है| 

राजबीर की दो पूर्व पत्नियों को किसने मारा? 

साक्षी को इस सच का पता भी चल गया था कि उन औरतों को सुनैनी ने नहीं बल्कि राजबीर ने खुद मारा था| राजबीर और उसके माँ-बाप को यह डर था कि वह औरतें बाहर जाकर इनकी करतूत सबको बता न दें| रानी इसलिए बची रह गई क्योंकि उसने खुद ही चुप्पी ओढ़ लिया था| 

हेमंत की वास्तविकता क्या है? 

साक्षी भन्नो देवी और उसके परिवार की काली करतूतें जान चुकी थी| हर बार की तरह इस बार भी वह राजबीर को साक्षी को ख़त्म कर देने के लिए कहती हैं| मगर राजबीर हैं कहाँ? अंतिम कुछ दृश्यों में यह खुलासा होता है कि वास्तव में हेमंत ही राजबीर है| वह शहर में साक्षी के साथ शादी कर के रह रहा था| हेमंत साक्षी को मारने ही वाला था कि रानी सामने आ जाती है और वह न केवल साक्षी को बचाती है बल्कि राजबीर को मार गिराती है|

अंतिम दृश्य में साक्षी और रानी भयमुक्त भविष्य की तरफ एक साथ कदम बढ़ाती हुई दिखती हैं| 


निर्देशक विशाल फुरिया की हॉरर फ़िल्म ‘Chhorii’ अमेज़न प्राइम वीडियो पर उपलब्ध है| 

Suman Lata
Suman Lata
Suman Lata completed her L.L.B. from Allahabad University. She developed an interest in art and literature and got involved in various artistic activities. Suman believes in the idea that art is meant for society. She is actively writing articles and literary pieces for different platforms. She has been working as a freelance translator for the last 6 years. She was previously associated with theatre arts.

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