लेखक बॉब मार्टीन और बेगुएलिन ने The Prom नाम से एक पुस्तक लिखी थी जिसे मैथ्यू स्कलर ने 2016 में एक ब्रोडवे संगीतमय नाटक के रूप में प्रस्तुत किया जिसने बेहतरीन संगीतमय प्रस्तुति के लिए ड्रामा डेस्क पुरस्कार प्राप्त किया। अब इसी कथ्य को निर्देशक रयान मर्फी ने The Prom (फिल्म) के रूप में प्रस्तुत किया है जिसमें मेरिल स्ट्रीप और निकोल किडमन जैसी विश्वप्रसिद्ध अभिनेत्री ने काम किया है।
The Prom (फिल्म) में एक छात्रा इमा नोलोन (जो एलेन पेल्लमन) है जिसकी लेस्बियन होने की वजह से उसके स्कूल का प्रौम (सामूहिक नृत्य) टाल दिया जाता है। उधर ब्रोडवे के कलाकार डीडी एलेन (मेरिल स्ट्रीप) जो एक ज़माने की बेहतरीन अदाकारा रह चुकी है लेकिन अब उसका कैरियर ढलान पर है, जो थोड़ी लालची, मतलबी और थोड़ी आलसी लेकिन दिल से अच्छी है और वो अभी भी अपने आपको किसी स्टार से कम नहीं मानती है, बैरी ग्लिक्मान (जेम्स कोर्देन) भी लगभग उसी श्रेणी में आता है। वो गे है और इस वजह से उसके परिवार ने बचपन में ही उससे नाता तोड़ लिया था। इस बात की टीस हमेशा उसे सालती रहती है। दोनों ने एक ब्रोडवे नाटक में फ़िलहाल मुख्य भूमिका की है और पहले शो के बाद वो अतिप्रसन्न हैं और उन्हें लगता है कि उन्होंने अद्भुत काम किया है। कुछ समाचार पत्रों ने उनकी तारीफ़ भी छपी है लेकिन एक बड़े अखबार में छपे नाकारात्मक समीक्षा, जिसमें उन्हें साफ़-साफ़ एक मतलबी कलाकार कहा गया है, की वजह से वह नाटक बंद हो गया है और वो दोनों धड़ाम से ज़मीन पर गिर पड़ते हैं। एंगी डिकिन्सन (निकोल किडमन), जो ताउम्र ब्रोडवे के शिकागो नामक प्रदर्शन में कोरस में इसलिए खटती रही क्योंकि उसे उम्मीद थी कि एक न एक दिन उसे मुख्य भूमिका के लिए कास्ट किया जाएगा और ट्रेंट ओलिवर (एंड्रू रंनेल्ल्स), जो अभिनय छोड़कर बार टेंडर का काम कर रहा है। ओलिवर हेमलेट की भूमिका निभा चुका है लेकिन वो इस बात से नाराज़ है कि लोग उसे उसके हेमलेट के लिए नहीं बल्कि एक बकवास से टेलीविजन धारावाहिक के लिए याद करते हैं। यह सब के सब निराश हैं कि तभी इन्हें ख्याल आता है कि इनको चर्चित होने के लिए एक मुद्दे की तलाश करनी होगी ताकि यह लोग फिर से अपनी खोई हुई जगह पा सकें और चर्चा में बने रहें। उन्हें उस लेस्बियन लड़की में मुद्दा दिखता है और वो उसकी मदद करने के लिए इंडियाना पहुंच जाते हैं। शुरुआत में कुछ लोगों को लगता है कि यह एक ज़रूरी मुद्दे के लिए आए हैं लेकिन जैसे ही उन्हें पता चलता है कि यह लोग अपने स्वार्थ के लिए यहां आए हैं तो लोगों का इन पर से भरोसा उठ जाता है। इन्हें अपनी ग़लती का एहसास हो जाता है और वो सब अब कला और कलाकार की सार्थकता के मद्देनज़र निःस्वार्थ भाव से इस मुहीम में जुट जाते हैं। इमा नोलोन एक बहादुर लड़की है जबकि उसकी पार्टनर अल्य्स्सा (अरिअना डेबोस) कमज़ोर पड़ती है और उसकी हिम्मत नहीं कि वो समाज से टकरा सके और वो सबके सामने खुलकर स्वीकार करे कि वो लेस्बियन है। जैसे ही पता चलता है कि इमा लेस्बियन हैं, सब उससे सम्बंध विच्छेद कर लेते हैं, उसका साथ केवल उसकी दादी और कुछ हद तक एलेन की अदाकारी का क़ायल स्कूल का प्रिंसिपल देता है लेकिन वो भी एक दायरे में रहकर ही लेकिन इमा हार नहीं मानती और आगे एक गाने में साफ़-साफ़ कहती है कि दूसरे कौन होते हैं यह बतानेवाले कि मुझे क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
कला और कलाकारी का सत्य जीवन और समाज के यथार्थवादी सत्य से परे नहीं हो सकता और कला का असली उद्देश्य इंसानी जीवन को और ज़्यादा कोमल, मानवीय, सुंदर और सार्थक बनाना है। इसके इतर अगर कोई चीज़ हैं तो वो महत्वहीन है, जिसका होना या न होना सब बराबर है।
किसी की सच में मदद करते हुए सब लोग अपनेआप को सही रूप में न केवल जानते हैं बल्कि जीवन का सही अर्थ भी समझते हैं कि इंसानी वजूद का असली मज़ा एक दूसरे को समझने और साथ देने में है बाक़ी किसी और चीज़ से कोई और चीज़ कमाई जा सकती है ख़ुशी और सुकून तो हरगिज़ नहीं। इस सारी प्रक्रिया में वो अपने व्यक्तिगत स्व की भी तलाश भी करते हैं जो नकली प्रकाशों की रौशनी में कहीं खो से गए थे। नाटकों में काम करनेवाले चारों कलाकार जब कॉलेज के बाकि छात्रों से मिलाकर उन्हें इंसानी जीवन का असली सार समझाना शुरू करते हैं तब उनके दिमाग में वर्षों से संस्कृति के नाम पर सिखाई और थोपी गई सामजिकता की सोच में परिवर्तन होता है और वो यह मान लेते हैं कि जीवन, प्रकृति और ईश्वर का सत्य किसी पुस्तक, धर्म और सामाजिकता से कहीं ज़्यादा बृहद हैं। सच केवल सामाजिक, आर्थिक, प्राकृतिक और राजनैतिक ही नहीं होते बल्कि व्यक्तिगत भी होते हैं।
The Prom (फिल्म) में एक स्थान पर एलेन एकदम सही कहती है कि सत्य के राह पर चलना मुश्किल है। यह फिल्म है इसलिए आख़िरकार एक प्रौम (सामूहिक नृत्य) से खुशहाल अंत होता है लेकिन वास्तविक जगत में खुशहाल अंत अभी होना बाक़ी है। संस्कृति, सभ्य और सभ्यता के नाम पर इंसान ने अपने ऊपर बहुत सारे नकली आवरण आरोपित कर लिए हैं इसलिए अभी बहुत सारे मुद्दों पर बहुत सारे संघर्ष होने बाक़ी हैं, जिसके बिना इंसान का वजूद अर्थहीन है। अंत में, संगीतमय फिल्म में संगीत की चर्चा न की जाए तो मज़ा नहीं आएगा। शानदार और अर्थवान गीतों और अलग-अलग तरह के संगीत (संगीतकार – मैथ्यू स्केलर और डेविड क्लोत्ज़) से सुसज्जित फिल्म में कुल 19 गाने हैं यानि कि लगभग एक घंटे की फिल्म पूरी तरह से संगीतमय है और यह संगीत आरोपित नहीं बल्कि फिल्म के एक बेहद ही ज़रूरी अंग के रूप में यहां विद्दमान हैं। फिल्म सकारत्मक उर्जा से भरपूर है और मेरिल स्ट्रीप का अभिनय अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप ही शानदार है।
The Prom (फिल्म) नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है।
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