अक्टूबर 2019 में “Modern Love” नाम की एक अमेरिकन टीवी सीरीज़ आई थी| जिसमें न्यूयॉर्क शहर की पृष्ठभूमि में मौजूदा दौर की प्रेम कहानियों को दिखाया गया था| यह कहानियां ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ में प्रकशित होने वाले साप्ताहिक कॉलम में छपी थीं| अमेज़न प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हुई “Modern Love: Mumbai” इसी अमरीकी सीरीज़ की तर्ज़ पर बनाई गई है| बस इसमें न्यूयॉर्क की जगह मुंबई है| लगभग 40-40 मिनट के छः एपिसोड हैं, जिनका निर्देशन छः अलग-अलग निर्देशकों ने किया है | इनमें विशाल भरद्वाज, हंसल मेहता, शोनाली बोस जैसे नामचीन निर्देशकों के साथ नुपुर अस्थाना, अलंकृता श्रीवास्तव और ध्रुव सहगल जैसे नए उभरते हुए निर्देशकों के नाम शामिल हैं|
प्रीतीश नंदी कम्युनिकेशन द्वारा बनाई गई “Modern Love: Mumbai” में महानगरीय जीवन की आपाधापी के बीच प्रेम की जटिल स्थिति को समझने और तलाशने की कोशिश की गई है|
Plot Summary And Review Of ‘Modern Love: Mumbai’ Season1
‘रात रानी’
‘रात रानी’ लाल्ज़री या लाली (फातिमा सना शेख) नाम की एक कश्मीरी लड़की की कहानी है| उसका पति लुत्फिया उसे एक ख़स्ताहाल खोली और एक टूटी-फूटी साइकिल के भरोसे ज़िन्दगी काटने के लिए अकेली छोड़ गया| शुरूआती तकलीफ के बाद लाली अपनी ज़िन्दगी की मुश्किलों से जूझने के लिए हौसला जुटा लेती है| अंततः वह अपनी ज़िन्दगी के सबसे मुश्किल फ्लाईओवर की चढ़ाई अपने दम-ख़म पर करने में कामयाब होती है|
निर्देशक शोनाली बोस फ्लाईओवर, साइकिल, और खोली की टूटी छत जैसे प्रतीकों के सहारे लाली के भीतरी संघर्ष को दर्ज करती हैं| फ़ातिमा सना शेख ने लाली की भूमिका बखूबी निभाया है, फिर वह कश्मीरी लहजे में संवाद अदायगी हो या लाली के संघर्षों को बारीक़ अभिव्यक्ति देना हो|
‘बाई’
‘बाई’ समलैंगिक संबंधों पर बनी एक प्यारी सी कहानी है, जिसका निर्देशन जानेमाने निर्देशक हंसल मेहता ने किया है| हंसल मेहता इससे पहले भी समलैंगिकता को अपनी अवार्ड विनिंग फ़िल्म ‘अलीगढ़’ का विषय बना चुके हैं| ‘बाई’ कहानी के केंद्र में मंजूर (प्रतीक गाँधी) है जो दुनिया की नज़रों में ‘स्ट्रेट’ नहीं है| दूसरे शब्दों में कहे तो ‘गे’ है| एक परम्परागत मुस्लिम परिवार में मंज़ूर की यौनिक पहचान को लेकर जबरदस्त प्रतिक्रिया होती है| उसकी हकीकत को नकारने का सिलसिला चल पड़ता है| घबराकर मंज़ूर शहर से दूर गोवा में जाकर बस गया| वहाँ वह एक होटल में गाना गाने का काम शुरू करता है| वहीं उसकी मुलाकात शेफ राजवीर (रणवीर बरार) से होती है| दोनों में प्यार होता है| कुछ समय बाद मंज़ूर और राजवीर शादी कर लेते हैं| यह खबर मंज़ूर के घर में उथल-पुथल मचा देती है| मरणासन्न दादी, जिन्हें सब बाई (तनूजा) कहते हैं, से मंज़ूर की हक़ीकत छुपा कर रखी गई थी| फिर भी जीवन के गहरे अनुभवों से गुज़र चुकी, अनेक मानवीय त्रासदियों की साक्षी रही बाई प्रेम की अनकही भाषा समझती हैं और मंज़ूर के दिल को भी|
‘बाई’ कहानी में प्रतीक गाँधी के अभिनय और राजवीर-मंज़ूर के बीच पनपते प्यारे से अहसास के खूबसूरत फिल्मांकन के अलावा एक और चीज़ है जो याद रह जाती है, वह हैं गाने| सोनू निगम की आवाज़ में “कैसी बातें करते हो…” और अली सेठी की आवाज़ में “चाँदनी रातें…” जहन में अटक जाते हैं|
‘माई ब्यूटीफुल रिंकल्स’ (My Beautiful Wrinkles)
कहानी की मुख्य किरदार दिलबर सोढ़ी है, जिसे सारिका ने निभाया है| दिलबर की उम्र 60 साल के आस-पास है| इस उम्र तक आते-आते खासतौर पर औरतों के लिए ज़िन्दगी की सारी रौनक ख़त्म हो चुकी मानी जाती है| उम्र के इस पड़ाव पर दिलबर का सामना कुणाल (दानेश राजवी) की स्वीकारोक्ति से होता है कि वह न केवल दिलबर को पसंद करता है बल्कि उसे लेकर सेक्सुअल फैंटेसी में डूबा रहता है| कुणाल उम्र में दिलबर से लगभग चालीस साल छोटा होगा| पहले तो दिलबर इस बात को लेकर बेहद असहज रहती है और नकार का एक ऊपरी आवरण ओढ़ लेती है| वह अपने गुज़रे जीवन से जुड़े मनोवैज्ञानिक भवंर से और तमाम पूर्वाग्रहों से निकलने में थोड़ा समय लगाती है| अंततः स्वीकार करती है कि कुणाल को लेकर उसके भीतर भी एक फंतासी दुनिया है|
अलंकृता श्रीवास्तव निर्देशित इस कहानी का शीर्षक ही ज़ाहिर करता है कि हर उम्र की अपनी ख़ूबसूरती होती है और ज़िन्दगी उम्र के हर पड़ाव पर खूबसूरत हो सकती है, बस आपको अपने नज़रिए में थोड़ा बदलाव लाना होगा|
‘कटिंग चाय’
‘कटिंग चाय’ कहानी की नायिका लतिका (चित्रांगदा सिंह) की महत्वाकांक्षा लेखक बनने की है| लम्बे समय से वह एक नॉवेल पर काम कर रही है, लेकिन उसे खत्म नहीं कर पा रही है| घर-गृहस्थी की झंझटों में वह इस कदर उलझी रहती है कि लिखने के लिए जैसी एकाग्रता चाहिए वह बन नहीं पाती| पति डेनियल (अरशद वारसी) उसकी मनःस्थिति को नहीं समझता है| रुखाई से एक झटके में वह कह जाता है कि तुम लिख नहीं सकती हो तो इसके लिए दूसरों को दोष देना बंद करो| लतिका का आहत अंतर्मन अपनी गुज़री ज़िन्दगी का आकलन करने लगता है| इस प्रक्रिया ने उसे बीती घटनाओं को नए ढंग से देखने का अवसर दिया| डेनियल के साथ सम्बन्ध भी उसे एक नई रौशनी में नहाया हुआ नज़र आया|
इस कहानी का निर्देशन नुपुर अस्थाना ने किया है| चित्रांगदा सिंह और अरशद वारसी लगभग उसी तरह की भूमिका में हैं जिनमें उन्हें अक्सर देखा जाता है, इसलिए अभिनय के नज़रिए से कोई नयापन नहीं है|
‘आई लव थाणे’ (I Love Thane)
लैंड स्केप डिज़ाइनर साहिबा (मसाबा गुप्ता) अपने कैरियर और व्यक्तिगत जीवन, दोनों को स्थायित्व देने की कोशिश में लगी है| डेटिंग एप की आभासी दुनिया के ज़रिए पार्टनर तलाशने की उसकी कवायद किसी नतीजे पर पहुँचती नज़र नहीं आ रही थी| ऐसे में वह एक एक सरकारी पार्क की लैंडस्केप डिज़ाइनिंग के सिलसिले में मुंबई से सटे शहर ठाणे पहुँचती है| काम के दौरान उसकी मुलाकात नगर निगम के ऑडिट ऑफिसर पार्थ (ऋत्विक भौमिक) से होती है| सोशल मीडिया साहिबा की दुनिया का एक बड़ा हिस्सा है, उसके ठीक उलट पार्थ इन्स्टाग्राम तक का इस्तेमाल नहीं करता| ऊपर से विपरीत लगने के बावजूद इन दोनों के बीच ज्यादा ओर्गानिक ढंग से रिश्ता पनपना शुरू होता है|
ध्रुव सहगल और नुपुर पाई की लिखी इस कहानी का निर्देशन खुद ध्रुव सहगल ने किया है| ध्रुव, साहिबा और पार्थ के बीच बनते रिश्ते को बड़ी नज़ाकत के साथ स्क्रीन पर दिखाने में कामयाब हुए हैं|
‘मुंबई ड्रेगन’
यह मुंबई में रहने वाले एक छोटे से चाइनीज़ समुदाय के चरित्रों पर आधारित कहानी है| सूई (येओ यान यान) चाइनीज़ मूल की भारतीय है| उसका बेटा मिंग (मियंग चंग) डेंटिस है लेकिन अपने प्रोफ़ेशन को छोड़कर गायक बनने का सपने पूरा करना चाहता है| जबकि सूई चाहती है कि बेटा डॉक्टर बनकर किसी चाइनीज़ लड़की के साथ घर बसा ले| माँ-बेटे के बीच यही मतभेद तनाव की वजह बनता है| मिंग एक गुजराती लड़की मेघा (वामिका गब्बी) से प्रेम करता है| जातीय और संस्कृति भिन्नता से आक्रांत सूई मिंग को भावनात्मक दबाव में लाकर मेघा से दूर करना चाहती है| लेकिन जब उसे अहसास हुआ कि मिंग की ख़ुशी और भलाई की जितनी गहरी समझ मेघा को है, उतनी माँ होने के बावजूद उसके भीतर नहीं है| तब वह अंतिम दृश्य में मिंग के हाथों मेघा की पसंद का खाना भेजती है, जो सूई का मेघा को अपनाने का संकेत है|
मुंबई ड्रैगन की कहानी ज्योत्स्ना हरिहरन और विशाल भारद्वाज ने लिखी है| मंझे हुए निर्देशक विशाल भारद्वाज के निर्देशन के बावजूद यह कहानी बाकी कहानियों से कमज़ोर है| नसीरुद्दीन शाह जैसे अभिनेता को यहाँ एक तरह से जाया ही किया गया है|
महानगरीय परिस्थितियों के बीच पनपते मानवीय संबंधों पर आधारित छः कहानियों की श्रृंखला “Modern Love Mumbai,” अमेज़न प्राइम वीडियो पर उपलब्ध है|