अफ्रीकन-अमेरिकन मूल की गायिका मा रैनी (26 अप्रैल 1886 – 22 दिसंबर 1939) को ब्लूज़ गायन की माता का दर्ज़ा प्राप्त है। उन्हीं का एक विश्वप्रसिद्ध गाना है ब्लैक बट्टन। सन 1927 में इस गाने को एक स्टूडियो में रिकॉड किया गया था। वो ज़माना मोबाइल फोन, इंटरनेट और एंटी-सोशल सोशलमिडिया वाला था नहीं कि फोन का कैमरा ऑन किया, इंटरनेट का कनेक्शन लगाया और सोशलमिडिया पर अपने गायक, अभिनेता और पता नहीं क्या-क्या होने की आत्ममुग्धता में जीवन काट दिया, इसलिए मा रैनी के इस रिकॉडिंग का बहुत ही ज़्यादा महत्व है। यह ब्लूज़ की एकदम शुरूआती रिकॉर्डिंग में से एक है। शायद इसलिए इन्हें ब्लूज़ माता भी कहा जाता है। यह रिकॉर्डिंग इतनी महत्वपूर्ण है कि इस इतिहास पर 1982 में नाटककार अगस्त विस्टन ने ब्रोडवे मवन एक शानदार नाटक लिखा और उस नाटक ने 1984 में सर्वश्रेष्ठ नाटक के लिए टोनी सम्मान भी प्राप्त किया। तब से लेकर अब तक यह नाटक अलग-अलग समूहों द्वारा लगातार मंचित किया जा रहा है और यह ब्रोडवे के प्रमुख और चर्चित नाटकों में से एक है। उसी नाटक को अब निर्देशक जॉर्ज सी विलसन ने पटकथा लेखक रुबन सेंटिआगो हडसन की सहायता से Ma Rainey’s Black Bottom (फिल्म) के रूप में अद्भुत और शानदार रूप से रूपांतरित किया है।
एक गाने की रिकॉर्डिंग पर एक ऐसा नाटक जिसमें कलाकारों का व्यवसायिक शोषण के साथ ही साथ काले लोगों के साथ होनेवाले सामजिक भेदभाव और हिंसा को विषय-वस्तु बानाया जाए, यह लिखने का विचार ही अपनेआप एक क्रांतिकारी सोच है और सोच पूरी फिल्म में कहीं भी कमज़ोर नहीं पड़ती बल्कि जैसे-जैसे वक्त बीतता जाता है और ज़्यादा प्रकार और मुखर ही होती जाती है और बात यहां तक पहुंच जाती है कि ईश्वर को भी काले लोगों से कोई स्नेह नहीं है अगर होता तो उनकी यह हालत नहीं होती जो आज है! अब यह अलग से बताने की ज़रूरत यहां शायद नहीं होनी चाहिए कि दुनिया ने जाति, धर्म, लिंग और रंग के नाम पर एक से एक अद्भुत और अमानवीय कुकर्मो को कर्म और धर्म मानकर अंजाम दिया है और आज भी थोड़ा कम थोड़ा ज़्यादा यह कुकर्म जारी है। क्या कोई कल्पना कर सकता है कि एक इंसान दुसरे इंसान को केवल इसलिए कमतर समझता है क्योंकि उसका रंग, धर्म और जाति उससे अलग है! वैसे यह कल्पना नहीं बल्कि हक़ीकत है, कल थोड़ी ज़्यादा थी, आज थोड़ा कम है लेकिन है और इस दिशा में दुनिया को अभी और ज़्यादा मानवीय होने की आवश्यकता है।
Ma Rainey’s Black Bottom (फिल्म) कथ्य, निर्देशन और सम्पादन की वजह से तो अद्भुत है लेकिन सबसे कमाल है इस फिल्म में अभिनेताओं चडविक बोसमैन, वाइला डेविस, टायलोर पैड्जे, कोलमन डोमिंगो, ग्लैन्न ट्रूमान और मिचेल पोत्ट्स का शानदार अभिनय। इस फिल्म में चडविक बोसमैन और वाइला डेविस का अभिनय अलग से रेखांकित किया जानेवाला काम है और सच कहें तो वाइला डेविस के मा रैनी के रूप में अभिनय के बारे में बात करने का अर्थ है किसी सूरज को रौशनी दिखाना। आज वो निर्विवाद रूप से दुनिया की बेहतरीन और अतुलनीय अभिनेत्रियों में से एक हैं जिन्हें देख और दिखाकर अभिनय का पाठ पढाया जा सकता है। यहां अक्खड़, बत्तमीज़, जिद्दी लेकिन मन से अच्छी और भोली मा रैनी के रूप में उनका अभिनय चरम पर है और यह सीख भी देती है कि गोरी-पतली बेदिमाग की बेबी डॉल बनने मात्र से अभिनय का कोई सम्बंध नहीं है बल्कि अभिनय का अर्थ है चरित्र को आत्मसात करना और उसे भरपूर जीना होना है और उस जीने के लिए मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक रूप से एक अभिनेता को किसी भी सीमा को पार करना होता है।
वाइला डेविस अंग-अंग यहां जीवंत हो जाता है और उन्होंने जिस प्रकार मा रेनी के चरित्र को जीवंत किया है वो अपनेआप में अभिनय विधा की एक मिसाल है और दुनिया के किसी भी प्रतिष्ठित पुरस्कार पाने के बिलकुल योग्य। सम्पूर्णता में यह एक अतुलनीय सिनेमा बनाकर उभरता है और अगर इस फिल्म का डंका इस बार के विभिन्न प्रतिष्ठित पुरस्कार समारोह में बजट हुआ दिखाई पड़े तो यह कोई आश्चर्य का विषय नहीं होगा बल्कि एक शानदार सिनेमाई कृति का सम्मान ही होगा।
Ma Rainey’s Black Bottom (फिल्म) नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है।
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