निर्देशक रंजीत एम तिवारी की फ़िल्म बेलबॉटम (BellBottom) 80 के दशक में होने वाली विमान अपहरण की घटनाओं से प्रेरित है |
पृष्ठभूमि
बेलबॉटम (BellBottom) फ़िल्म की शुरुआत वाइसओवर के साथ होती है | जिसमें बताया जाता है कि 1978 में भारत-पाकिस्तान के रिश्ते आश्चर्यजनक रूप से मज़बूत थे | LOC पर सीज़फ़ायर था और व्यापार के रास्ते भी खोल दिए गए थे | भारत की सीमाओं पर तो शांति थी लेकिन भीतर के हालात ठीक नहीं थे | JKLF, MNF, TNLA और आज़ादी दल जैसे कई देशद्रोही संगठन उस समय सक्रिय हो गए थे | अपनी माँगें मनवाने के लिए यह बॉम्बिंग, शूटिंग जैसे कई आतंवादी तरीके इस्तेमाल करते थे लेकिन ‘हाइजैकिंग’ इनका सबसे ज्यादा प्रभावी तरीका साबित हुआ |
I C 691 की हाइजैकिंग
24 अगस्त 1984 को इंडियन एयरलाइन्स के एक विमान IC 691 ने सुबह लगभग 6:30 के करीब दिल्ली से श्रीनगर के लिए उड़ान भरी | इसमें 210 यात्री सवार थे | थोड़ी देर बाद पता चला कि विमान हाइजैक कर लिया गया है |
हाइजैक की खबर साउथ ब्लॉक सचिवालय, जो उस समय प्रधानमत्री कार्यालय की तरह काम करता था, पहुँची | पिछले पाँच सालों में हाइजैकिंग की यह सातवीं घटना थी | प्रधानमन्त्री इंदिरा गाँधी (लारा दत्ता) ने इस आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई | बैठक में रॉ के एक बड़े अधिकारी संतूक (आदिल हुसैन) प्रधानमंत्री को हाइजैकिंग मामलों के विशेषज्ञ ‘बेलबॉटम’ के बारे में बताते हैं | ‘बेलबॉटम’ (अक्षय कुमार) नाम का यह रॉ एजेंट पिछले दो साल से हाइजैक की सारी वारदातों का गहराई से अध्ययन और विश्लेषण कर रहा था |
बेलबॉटम (BellBottom) कौन है ?
कहानी फ़्लैशबैक में पाँच साल पीछे जाती है | जहाँ हमें अंशुल मल्होत्रा (अक्षय कुमार) नाम का एक व्यक्ति दिखता है| अंशुल बहुआयामी प्रतिभा का धनी है | वह अंग्रेजी, हिन्दी, पंजाबी, फ्रेंच और जर्मन भाषाएँ जानता है | फ्रेंच और जर्मन पढ़ाता है, राष्ट्रीय स्तर पर शतरंज खेलता है, संगीत सिखाता है | साथ ही साथ UPSC परीक्षा की तैयारी भी कर रहा होता है |
अंशुल मल्होत्रा के बेलबॉटम (BellBottom) बनने की वजह : 1979 का प्लेन हाइजैक
अंशुल के जीवन में एक बड़ा तूफ़ान उस समय आता है जब दिल्ली से लन्दन जाने वाला एयरइंडिया का हवाई जहाज़ 476 हाइजैक कर लिया जाता है | उस विमान में अंशुल की माँ रावी मल्होत्रा (डॉली अहलूवालिया) भी थी | रावी मल्होत्रा अस्थमा की मरीज़ थी | विमान में दम घुटने से उनकी मौत हो जाती है |
रॉ अधिकारी संतूक, अंशुल को बताते हैं कि उसकी माँ की मौत प्राकृतिक नहीं थी, बल्कि एक हत्या थी | हाईजैकिंग की अगुवाई करने वाले आतंकी ने रावी की तबियत ख़राब होने पर उनके मांगने के बावजूद पर्स में रखा इनहेलर नहीं दिया | इतना ही नहीं बाकि यात्रियों को रावी के लिए परेशान देख, उन्हें घसीटते हुए केबिन के बाहर कर दिया और ऊपर से मोटा-मोटा कम्बल डाल दिया | जिसकी वजह से रावी का दम घुट गया और उनकी मौत हो गई | अंशुल, माँ की हत्या के बारे में जानकार दुःख और गुस्से से भर गया | हाईजैकिंग के अपराध पर लागम लगाने के उद्देश्य से वह रॉ ज्वाइन कर लेता है | जहाँ उसे कोड नाम दिया जाता है, बेलबॉटम |
दलजीत सिंह उर्फ़ डोड्डी कौन है ?
दलजीत सिंह उर्फ़ डोड्डी (जैन खान दुर्रानी) 1979 के प्लेन हाइजैक का मुख्य अभियुक्त था | रावी मल्होत्रा की मौत का जिम्मेदार भी यही शख्स था | इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने एयर इंडिया 476 विमान अपहरण के मामले में डोड्डी समेत सभी अभियुक्तों को दस साल की सजा सुनाई थी | इन अभियुक्तों को केवल दुनिया को दिखाने के लिए ननकाना साहेब गुरुदारे में रखा गया था |
बेलबॉटम एक बार अपने भाई के पास लन्दन गया हुआ था | उसने वहाँ एयर इंडिया 476 के हाइजैक में शामिल एक अभियुक्त को देखा | उसका पीछा करते हुए बेलबॉटम बाकी अभियुक्तों तक पहुँच जाता है | जिनमें डोड्डी भी था | भारत से आई रॉ की टीम के साथ मिलकर वह तीन लोगों को पकड़ लेता है लेकिन डोड्डी लड़की का भेष बना कर फरार हो जाता है |
I C 691 की हाइजैकिंग के पीछे कौन, आजादी दल या ISI?
फ़िल्म वापस 1984 में पहुँचती है | साउथ ब्लॉक में चल रही बैठक में बेलबॉटम को बुलाया जाता है | बेलबॉटम के विश्लेषण के अनुसार हाइजैकिंग के पीछे मास्टर माइंड पकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आई.एस.आई. है | जबकि बीबीसी के एक वीडियो के आधार पर IB यह मानकर चल रही थी कि पंजाब के आज़ादी दल ने अपने संस्थापक नेता तेजपाल को जेल से रिहा कराने के लिए इस हाइजैकिंग को अंजाम दिया है | बेलबॉटम उस बैठक में कहता है कि आज़ादी दल तो केवल एक कठपुतली है, असली ताकत तो आई.एस.आई. है |
लीक से हटते हुए निगोसियेशन की जगह कोवेर्ट एक्शन का फैसला
प्रधानमंत्री के साथ उच्चस्तरीय बैठक में जब सभी अधिकारी और मंत्री अपहरणकर्ताओं के साथ समझौता वार्ता करने पर लगभग तैयार हो गए थे, ठीक उसी समय रॉ एजेंट बेलबॉटम ने कोवेर्ट मिशन का प्रस्ताव रखा | इंदिरा गाँधी इस प्रस्ताव से सहमत हो जाती हैं | हर बार की ही तरह इस बार भी मध्यस्थता करने के लिए तैयार पाकिस्तान को वह रोक देती हैं और विमान की रिफ्यूलिंग न करने के लिए भी कहती हैं | इस बैठक में प्रधानमंत्री रॉ को कोवेर्ट एक्शन की इजाज़त दे देती हैं |
विमान अपहरणकर्ताओं की माँगें
हाईजैकर्स प्लेन को पहले लाहौर में उतारते हैं | लेकिन भारत सरकार के फैसले के कारण पाकिस्तान की मदद मिलने की सम्भावना खत्म हो जाती है | अतः भारत पर समझौते का दबाव बनाने के लिए हाईजैकर्स प्लेन को दुबई लेकर चले जाते हैं | इस बीच ISI प्रमुख, लाहौर में खाना-पानी पहुँचाने के बहाने चालाकी से डोड्डी को विमान के भीतर पहुँचा देते हैं | यहाँ से हाईजैकर्स की अगुवाई डोड्डी करने लगता है | डोड्डी भारत सरकार के सामने तीन माँग रखता है |
पहली – हिन्दुस्तानी जेलों में कैद उसके पाँच साथियों को रिहा किया जाए | इसमें आजादी दल के संस्थापक नेता तेजपाल का नाम भी शामिल था |
दूसरी – उनके खिलाफ़ चल रहे सारे आपराधिक रिकॉर्ड ख़त्म किए जाएँ और उन्हें लन्दन में शरण दिलाने की व्यवस्था हो, साथ ही एक मिलियन पौण्ड की रकम भी दी जाए |
तीसरी – दुबई से सीधे लन्दन जाने के लिए ब्रिटिश गल्फ स्ट्रीम फ्लाइट की व्यवस्था की जाए |
ऑपरेशन मिराज़
रॉ ने I C 691 के सभी बंधकों को सही सलामत मुक्त कराने के लिए बनाए गए अपने प्लान को ऑपरेशन मिराज का नाम दिया | इसमें प्लान ए और बी शामिल था |
प्लान ए – रॉ के लोग रिफ्यूलिंग टीम का हिस्सा बनकर प्लेन तक पहुँचेंगे और प्लेन के भीतर दाखिल होकर अचानक हाईजैकर्स पर हमला बोलेंगे |
प्लान बी – आर्मी की पूना हॉर्स यूनिट एक सयुंक्त सैन्य अभ्यास के लिए इजराइल गई थी | उसे ओमान की खाड़ी के रास्ते दुबई पहुँचने के लिए कह दिया गया था | आर्मी की मदद से रॉ बंधकों को छुड़ाने की कोशिश करेगी |
दुबई में रॉ का ऑपरेशन
IB की कोशिशों से रॉ को दुबई एयरपोर्ट की हेल्प डेस्क आदीला रहमान (हुमा कुरैशी) की मदद मिलती है | आदीला रॉ की टीम को एयरपोर्ट का नक्शा, बाहर निकलने के रास्ते, अन्य दस्तावेज मुहैया कराती है |
भारतीय दल, अपने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दो अधिकारियों को प्लेन में जाने की अनुमति माँगता है | हाईजैकर इसके लिए तैयार हो जाते हैं | सांड और डॉलर नाम के दो रॉ एजेंट प्रशासनिक अधिकारी बन कर प्लेन में जाते हैं | इससे पहले की प्लान ए शुरू हो पाता, ISI प्रमुख हाईजैकर्स को इस चाल के प्रति सचेत कर देते हैं | इस तरह मिशन मिराज का प्लान ए असफल हो जाता है | प्लान बी के बारे में भी ISI को खबर हो जाती है और प्लान बी भी असफल हो जाता है |
दुबई प्रशासन कोवेर्ट ऑपरेशन की जगह समझौता वार्ता के लिए भारतीय दल पर जोर डालता है | प्लान ए और बी के फेल हो जाने के बाद दुबई में मौजूद भारत सरकार के दो मंत्रियों ने इस अभियान का सारा नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया | भारत सरकार डोड्डी की तीनों माँगों को स्वीकार कर लेती है |
रेत के तूफ़ान ने बाज़ी कैसे पलटी ?
जिस समय भारत सरकार समेत सबको लगने लगा कि सारी कोशिशें बेकार हो गईं | एक बार फिर विमान अपहरणकर्ताओं की माँगों के आगे झुकना पड़ेगा | बैकअप का भी बैकअप बना कर रखने वाला बेलबॉटम, ठीक उस समय भी अपने अगले प्लान पर काम रहा था |
उसने मौसम विभाग की सूचना पढ़ी थी कि शाम 5:30 बजे भयानक रेतीला तूफ़ान आने वाला है | बेलबॉटम उस तूफ़ान का इस्तेमाल कर अपने मिशन को सफल बनाने की योजना बनाता है | रेतीले तूफ़ान की सूचना से हाईजैकर्स और दुबई एयरपोर्ट प्रबंधन अनजान थे | जैसे ही हाईजैकर्स तीन कारों में बैठ कर लन्दन वाली फ्लाइट पकड़ने जाने लगे, जोर का रेतीला तूफ़ान उठा | बेलबॉटम की टीम मौके की ताड़ में बैठी हुई थी | तूफ़ान में किसी को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था | ऐसे में बेलबॉटम अपने चार साथियों के साथ मिलकर न केवल हाईजैकर्स को पकड़ता है बल्कि सारे बंधकों को भी आज़ाद कराता है | अंततः ऑपरेशन मिराज सफल होता है |
रॉ की योजनाओं की खबर ISI तक किसने पहुँचाई ?
बेलबॉटम को यह समझ आ जाता है कि ऑपरेशन मिराज़ का प्लान ए और बी कैसे फेल हो गया | दुबई एयरपोर्ट की हेल्प डेस्क आदीला रहमान जो रॉ की मदद कर रही थी, वास्तव में ISI के लिए काम कर रही थी | रॉ की टीम की सारी तैयारी और ज़रूरी सूचनाएं वह ISI तक पहुँचा देती थी |
बेलबॉटम (BellBottom) का अंतिम दृश्य
बेलबॉटम (BellBottom) फिल्म के अंतिम दृश्य में हम संतूक को अंशुल की पत्नी राधिका मल्होत्रा (वाणी कपूर) से फ़ोन पर बात करते हुए देखते हैं | उनकी बातचीत से पता चलता है कि राधिका खुद रॉ की एक टैलेंट स्पॉटर है और उसी ने रॉ को अंशुल के बारे में सारी जानकारी दी थी | रॉ ने उन जानकारियों का इस्तेमाल करते हुए बेहद तेज दिमाग वाले अंशुल मल्होत्रा को रॉ एजेंट बेलबॉटम बना लिया |
‘बेलबॉटम’ (BellBottom) फ़िल्म आपको अमेज़न प्राइम वीडियो पर देखने को मिलेगी |
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